Add To collaction

इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-31)

       





पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि आनंद जब जागता है तो हैरान हो 
अब आगे ,

आनंद -( हैरानी स) खुशी जी आप यहां क्या कर रही है ??

( खुशी कोई जवाब नहीं देती है क्योंकि वो सो रही होती है आनंद के बगल मे ....आनंद फिर खुशी को धीरे से  हिलाता है तो वो हल्की सी आंखे खोलती है और उसे  पकड़कर फिर से सो जाती है ...... आनंद  फिर मुस्कुराते हुए उसके कान में  कहता है ,

आनंद - गुड मॉर्निंग मिसेज खुशी कश्यप ....
( खुशी मुस्कुराते हुए )
खुशी - गुड मॉर्निंग ....
आनंद -( बेड से उठकर ) अब चलिए बहुत हो गई मॉर्निंग ...जल्दी से भागकर अपने कमरे में चले जाइए .....
खुशी -( बेड पर बैठकर ) क्यों जाऊ ...
आनंद - ओह हो...अगर मॉम ने देख लिया  तो बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी .....
खुशी -( उबासी लेते हुए ) अपने पतिदेव के साथ हीं तो हूं ...
आनंद - ( हंसते हुए) पतिदेव गया तेल लेने ...अब जल्दी जाइए .. इससे पहले कि कोई आ जाए ...
खुशी -( बेड से उठकर ) कैसे डरपोक पति है मेरा ....

( इतना कहकर खुशी बाहर जाने लगती है तो आनंद दरवाजे के सामने आकर खड़ा हो जाता है और खुशी  की कमर को  पकड़ कर कहता है ,

आनंद - मै क्या बहुत डरपोक हू...
खुशी - हां है.....बहुत बड़े वाले ...
आनंद - ओह फिर तो आप ..आज इस डरपोक के चंगुल में फंस गई ...
खुशी -  मै खुश हूं ...
आनंद - अरे अरे मुझे लगा कि आप भागेंगी ....पर आप तो ...
खुशी -( आनंद को अपने करीब खींचकर ) हां क्या आप तो ...आपको क्या लगता है रोमांटिक सिर्फ आप हो सकते है ....
( आनंद हैरानी से खुशी की हरकतों को देखता है और अचानक से ही उसे गोद में उठाकर कहता है )

आनंद - ( मुसकुराते हुए ) वैसे मूड तो मेरा भी है आज रोमांस करने का ..
( इस बार खुशी .. कोशिश करने लगती है आनंद के गोद से उतरने की...... पर वो भी हंसते हुए 
उसे और कसकर पकड़ लेता है.... तभी श्वेता जी दरवाजे पर नॉक करती है और कहती है ,

श्वेता जी - अरे दामाद जी आप उठ गए है क्या ?

( दोनों हड़बड़ा जाते है और खुशी ...आनंद  को चिखोटी काट लेती है जिससे वो आउच करते हुए उसे  बेड पर छोड़ देता है ....दोनों एक दूसरे को घूरते है और रूम मे भागने लगते है इधर - उधर ...आनंद भागकर अलमीरा मे बैठ जाता है तो खुशी....आनंद को मारते हुए कहती है )

खुशी - पतिदेव जी....मुझे छूपने दीजिए वरना मॉम मेरी बैंड बजा देंगी.. .....
आनंद -  ऊप्स ....

( आनंद फिर बाहर निकल जाता है और खुशी को अलमीरा मे बन्द करके ... उबाशिया लेने का नाटक करते हुए दरवाजा खोलकर कहता है)

आनंद -( उबासी लेते हुए ) जी मॉम ...क्या हुआ..?
श्वेता जी - दामाद जी जल्दी से नीचे आ जाइए .... निहारिका जी बुला रही है .....
आनंद - ओह हो माताजी आप मुझे दामाद जी कहना बन्द करिए ...बेटा कहिए..😗
श्वेता जी - नहीं मै तो दामाद जी कहूंगी ( खुश होकर ) हाए कितना अच्छा लगता है दामाद जी कहना ....
आनंद -( हंसते हुए ) ठीक है माताजी ...
श्वेता जी -( हंसते हुए )  मै नीचे जा रही हूं ..खुशी को कहिए की अपना लहंगा अंदर करके बैठे ...

( इतना कहकर श्वेता जी चली जाती है और आनंद उन्हे हैरानी से जाते हुए देखकर सोचता है कि - मॉम का कहने का क्या मतलब है .....तभी मुंह पर हाथ रखता है और पीछे मुड़कर देखता है कि खुशी का लहंगा अलमीरा से बाहर निकला हुआ है ....वो हंसते हुए अलमीरा खोलता है और  देखता है कि खुशी सो रही है ....आनंद मुस्कुराते हुए उसके गालों पर उंगली रखता है और कहता है )
आनंद - ये खूंखार बिल्ली सोते हुए ही कितनी क्यूट लगती है...
खुशी -( आंखे बन्द किए हुए ही ) और जगने पर चुड़ैल लगती हूं राइट ??
आनंद - राइट ....( हैरानी से ) नहीं नहीं ....

( और भागकर बाथरूम मे घुस जाता है.....खुशी भी उठती है और दरवाजे के पास जाकर दोनों तरफ देखती है और रास्ता साफ देखकर वहां से जाने लगती है कि एक कमरे के बाहर रुक जाती है और देखती है कि आदि - रिया एक दूसरे को पकड़कर नीचे बैठे हुए है और कह रहे है कि )

रिया -( आदि के सीने पर सर रखे हुए ही ) मै सोच रही हूं कि आप भी संगीत में आए ...
आदि -( रिया के बालो मे हाथ फेरते हुए दुखी होकर ) चाहता तो मै भी यही हूं...पर पता है ना मॉम लोग नहीं मानेगी ...
रिया -( खुश होकर ) आप साडी पहनकर मेरे साथ चलिएगा किसी को पता नहीं चलने वाला .....
आदि - ( उसके माथे को चूमकर ) आपके लिए तो कुछ भी ...
रिया - अच्छा एक बात पूछूं ??
आदि - हां 
रिया - मै आपको मैचिंग कपड़े पहनने के लिए कहती हूं तो बुरा तो नहीं लगता ना ....
आदि - अरे मेरी जान ..आपके लिए तो कुछ भी......
रिया -( मजाक में  ) लिपिस्टिक भी लगाएंगे ??
आदि -(हंसते हुए ) ये ज़्यादा हो गया है ....

( रिया उठकर  लिपिस्टिक लाती है और आदि के गोद में बैठकर  हंसते हुए उसे जबरदस्ती लिपिस्टिक लगा देती है और जैसे ही उठकर भागने की कोशिश करती है आदि उसे खीच कर अपनी बाहों में भर लेता है और मुस्कुराते हुए किस करने जाता है तो ....बाहर खड़ी खुशी कहती है )

खुशी -( चिल्लाते हुए ) नहीं..प्लीज़ दरवाजा बन्द करके रोमांस करो ...

( दोनों दरवाजे की तरफ देखते है और फिर दूर दूर हो जाते है ...बाहर खड़ी खुशी हंसते हुए सॉरी कहती है और वहां से फूल स्पीड मे भागकर अपने रूम मे चली जाती है ....इधर दोनों  इसकी हरकतों पर हंसने लगते है और इस बीच आदि ....रिया को किस करके उसका हंसना रोक देता है )


******

दूसरी तरफ .....अवनी अभी भी उसी तरह पूरी फैल कर सोई हुई है ......रात में ऋषभ ने बेड पर सोने कि कोशिश तो की  थी पर अवनी के बार बार लात मारने की वजह से वो सोफे पर फिर से आकर लेट गया ...पूरी रात वो इधर - उधर हिलता रहा और इस चक्कर में उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई होती है ......तभी अवनी जग जाती है और देखती है कि ऋषभ बैठे - बैठे ही सोने कि कोशिश कर रहा है ....वो उठकर उसके बगल मे जाकर बैठ जाती है और उसे देखने लगती है ...थोड़ी देर बाद जब ऋषभ आंख खोलता है तो अचानक से अवनी का उसकी तरफ इस तरह देखने से  वो हड़बड़ा जाता है और सोफे से नीचे गिर जाता है .......

अवनी - ( हंसते हुए ) अरे ..आप नीचे क्या कर रहे है ?
ऋषभ -( घूरते हुए ) आप जानबूझकर रात में लात मारती है ना ?
अवनी -( मुंह पर हाथ रखकर) मै ऐसा कैसे कर सकती हूं ...
ऋषभ - मेरी कमर टूट गई है अब तो ....
अवनी - हां तो जोड़ लीजिए ...
ऋषभ - ( गुस्से में )वाह आपको मजाक सूझ रहा है ...कल आपने मुझे नीचे गिराया और आज पूरी रात लाते मारी ....इसी तरह चलता रहा तो कल परसों तक मै व्हील चेयर पर आ जाऊंगा 
अवनी - ( सर लटका के ) आईएम सॉरी ऋषभ जी ....( हंसते हुए ) पर मेरी ग़लती नही है ...

(इतना कहकर...भागकर बाथरूम मे घुस जाती है ...तब ऋषभ कहता है )
ऋषभ - कैसी अजीब है ये अपनी ग़लती भी नहीं मानती..सबक सिखाना पड़ेगा .....( उसे घूरते हुए)

( वो भी फिर उठ जाता है और सोफे पर बैठकर अपना काम करने लगता है .....थोड़ी देर बाद संजना आती है और कहती है )
संजना - और बड़े ऋषभ... लात मिला फिर से ?
ऋषभ -( घूरते हुए ) मजे ले रही हो छोटा ऋषभ...
संजना -( रूम मे आकर ) पर भाई ...भाभी सच मे बहुत तेज मारती है .( मुसकुराते हुए ).. मुझे तो अभी तक समझ नहीं आ रहा कि आप कैसे सह लेते हो ....
ऋषभ - किस काम के लिए आईं हो ?
संजना - अकडू कहीं के ....नीचे आ जाओ मॉम बुला रही ...( मुंह फुलाए हुए)...

( संजना फिर नीचे चली जाती है ...थोड़ी देर बाद ऋषभ भी अपना सामान समेट कर नीचे हॉल में पहुंच जाता है जहा पर सारे बॉयज़ इकठ्ठे होते है पहले से ही ....ऋषभ को आया देखकर निहारिका जी कहती है )
निहारिका जी - आज मेंहदी और संगीत दोनों का फंक्शन है ...
आनंद -( खुश होकर ) वाह फिर तो बहुत मजा आने वाला है ...( आदि की तरफ मुड़कर ) भाई आज हम वो गाना पक्का गाएंगे .....
( तभी निहारिका जी बीच में ही कहती है )
निहारिका जी - कान खोलकर सुन लो सब के सब ...संगीत रूम मे सिर्फ लेडीज रहेंगी ...ब्वॉयज़ आर नॉट अलाउड ...
देव -( निहारिका जी को)  ये गुनाह है 
श्वेता जी - ये गुनाह नहीं है बेटा ...ये निहारिका जी है 

( सब लोग हंसने लगते है ....तब आदि कहता है ) 

आदि - मॉम लोग ....हम मेंहदी वाले फंक्शन मे तो आ सकते है ना ....
निहारिका जी - हां बेटे ...
आदि - ठीक है ...
( इतना कहकर वो वहां से चला जाता है तो आनंद कहता है  )
आनंद - ( आंखें बड़ी  करके) ये देखो ये कबूतर तो इतने में  ही खुश है …..( सपना जी से ) माताजी आप तो आने दीजिए ......
सपना जी - बेटा मै इसमें कुछ नहीं कह सकती ....
निहारिका जी - बस बहुत बात हो गई ......अब जाकर सब लोग काम में लग जाओ .....

( फिर सारी मॉम लोग चली जाती है तो देव कहता है )

देव -( ऋषभ से ) जीजू आप तो कुछ करिए ?
ऋषभ - मै कुछ नहीं कर सकता ...

( फिर वो भी अपने कमरे में चला जाता है ....सभी लोग अपना मुंह लटकाए वहां से चले जाते है ..देव और नील एक साथ ही कमरे में घुसते है तो देव जल्दी से दरवाजा बन्द कर देता है और वही खड़े होकर कहता है )

देव - भाई एक बात पूछूं ....
नील -( बेड पर बैठकर ) हां ...
देव - आपके और नैंसी जी के बीच क्या चल रहा है??

( नील चुप हो जाता है और बालकनी मे चला जाता है तो देव कहता है )
देव - यार भाई आप इतने शान्ती बाबा क्यों बने फिरते हो ..😕..यहां सब कितने मजे करते है और आप उफ्फ .....

( नील फिर से कुछ नहीं कहता है )

देव - बताओ ना भाई ?
नील - गर्लफ्रेंड है वो मेरी ......
देव -( हंसते हुए ) क्या ....क्या सच में ...मुझे ना भरोसा नहीं हो रहा ......
नील - कमरे से बाहर निकलो ...
देव - पर भाई ....
नील -( तेज से ) मैंने कहा ना कमरे से बाहर निकलो ......

( नीचे गार्डन मे नैंसी फूल तोड़ रही होती है ....इतनी तेज आवाज सुनती है तो उसके हाथ से फूलो की टोकरी  नीचे गिर जाती है.....वो हड़बड़ा कर मुड़ती है और देखती है कि  नील....देव को धक्का देकर रूम मे भेज रहा है ...वो खुद से कहती है ,)
नैंसी - ये दोनों कर क्या रहे हैं?
( फिर वो नील को फोन करती है और कहती है )
नैंसी -( नील से ) आप दोनों लोग ये लड़ क्यों रहे हो ?
नील -( नैंसी की तरफ देखकर ) अपने काम से काम रखिए ...
नैंसी - अकडू ,खडूस , एहसान फरामोश ...😕....

( नील हैरानी से उसे देखने लगता है... वो गुस्से में फूलो को वही छोड़कर चली जाती है .........इधर नील ...देव को धक्का मारकर रूम से बाहर करता है तो वो सीधे जाकर संजना से टकरा जाता है और टकराने से दोनों वहीं कॉरिडोर मे धड़ाम से गिर जाते है .....संजना गुस्से में उठती है और कहती है ,)
संजना - अक्ल के दुश्मन ...देख कर चला करों....
देव  - हां ठीक है ... सॉरी ...खुश हो अब ..
संजना - तुम सच मे बहुत बुरे इंसान हो ...तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता .....
देव -( मुस्कुराते हुए) अब जो होगा आपके साथ ही होगा ... बाय ...

( ये कहकर देव वहां से चला जाता है तो संजना कहती हैं)

संजना -( उसे जाते हुए घुरकर ) अब तो सच्ची इसका दिमाग घुम गया है ...भाई को कहकर आगरा के पागल खाने में एक रूम बुक करवा देती हूं .....

( फिर वो वहां से आनंद के रूम मे जाती है तो देखती है कि वो सर पर हाथ रखकर कुछ सोच रहा है )

संजना -( उसके पास जाकर ) भाई आगरा के पागल खाने में एक रूम बुक करवा दीजिए....
आनंद - ( सर पर हाथ रखे हुए ही ) मै भी यही सोच रहा हूं कि 2 रूम बुक करवा दू...
संजना - ( खुश होकर ) क्या सच में .....फिर कब भेज रहे है देव को ...
आनंद - तुम्हे भी भेज देता हूं .....फिर दोनों वहीं बैठकर . गुल्ली डंडा खेलना ....
संजना -  ( गुस्से में ) चिरकुट कहीं के .....
आनंद - ( हंसते हुए ) तो पागलों जैसी बात क्यों कर रही हो..... चलो जाओ यहां से ....
संजना -( रूम से बाहर निकलकर ) अच्छा हुआ मॉम आपको  संगीत में नहीं आने दे रही.........
आनंद - गायब हो जाओ जल्दी से .....

( संजना उसे जीभ दिखाकर चली जाती है तो आनंद एक गाना ऑन करके उसपर डांस करने लगता है ......
   मैं बम्बई का बाबू नाम मेरा अंजाना
    इंग्लिश धुन में गाऊँ मैं हिंदुस्तानी गाना

   
गाने की आवाज पूरे घर में गुज रही होती है और सब लोग सुनते सुनते ही मजे से काम कर रहे होते हैं.....दोपहर का समय आ गया होता है पर ब्वॉयज़ के पास कोई प्लान नहीं होता कि संगीत में कैसे जाए .....फिर भी आनंद सबको कॉल करके रूम में बुला लेता है ....सबके आने के बाद कहता है ,
आनंद - यार भाईयो कोई प्लान बना क्या?
देव - नहीं ...
आनंद - ( ऋषभ से ) भाई आप बात करो ना मॉम से ...आप तो उनके लाडले हो देखना वो पक्का आपकी बात सुन लेंगी....
ऋषभ - तुम सब भी तो चमकीले ,भड़कीले हो .....
आनंद - ( घूरते हुए ) मतलबी ...मिस्टर ....ऋषभ कश्यप...विहान भाई कहा है ??
आदि - वो टविंकि जी के याद में पूरे के पूरे देवदास बन चुके है ...( हंसते हुए )..बस अभी तक बॉटल नहीं ली है .....
देव - जीजू ...प्यार से दूर रहने का क्या दर्द होता है वो आप नहीं समझ सकते .......

( सब लोग उसे हैरानी से देखने लगते है ....आनंद ..देव को छेड़ते हुए कहता है )
आनंद - ओय होए...मतलब यहां एक और देवदास है ..
विवेक - जी भईया .......
आनंद - वाह वाह तुम भी हो ...
विवेक - अरे मै देव भाई की बात कर रहा हूं ( हंसकर )
( सब लोग फिर हंसने लगते है आनंद कहता है)
आनंद -( घूरते हुए) यार किसी के पास कोई प्लान नहीं है 

( तभी कोई कहता है मै कोई हेल्प कर सकता हूं क्या.......सब लोग मुड़कर दरवाजे की तरफ देखते है कि अनंत जी खड़े है .....फिर वो अंदर आते है और कहते है )
अनंत जी - मेरे पास प्लान है ...
आनंद -( खुश होकर ) क्या सच में डैड .....प्लीज़ जल्दी से बताइए ना ...
अनंत - पर मेरी एक बात माननी होगी ..
( ऋषभ ...अनंत जी को गुस्से मे घूरने लगता है ...तभी आनंद कहता है )
आनंद - आपकी तो एक नहीं हजार बात मान लूंगा डैड ...
अनंत - शादी के बाद तुम सब डलहौजी जाओगे ....
( तभी पीछे से विहान आकर अनंत जी को पकड़ लेता है और कहता है )
विहान - पापा जी ....आपने तो मेरी दिल की बात कह दी ( खुश होकर)....

(अनंत जी हंसते हुए सभी को अपना प्लान बताते हैं तो आदि कहता है )
आदि - अंकल जी आप को क्या लगता है टोनी अंकल इस बात को मान लेंगे ....
अनंत - वो अपना यार है बिल्कुल मान लेगा.....
आनंद -( हंसते हुए ) आई होप आपका बेंड ना बजे डैड ..
विहान - बेंड तो थारा बजेगा ...आनंद बाबू ....
( फिर अनंत जी वहां से चले जाते है तो आनंद कहता है )
आनंद - ( ऋषभ से ) भाई डैड ने क्या धासू प्लान बनाया है ....
( ऋषभ बिना कुछ कहे वहां से चला जाता है .....उसके पीछे पीछे नील भी...... तो आनंद कहता है )

आनंद - ये दोनों एक जैसे ही है ......
विहान - भाई ...इन्हे छोड़िए..चलो हम सब सोंग्स सेलेक्ट कर लेते है ....

( सारे फिर  सोंग सेलेक्ट करने लगते है .....शाम हो गई होती है पर बाहर  अभी उजाला होता है .....सब लोग जल्दी से तैयार हो जाते है ताकि संगीत में लेट ना हो ....सभी लेडीज  नीचे हॉल में बैठकर मेंहदी के कोन रेडी कर रही होती है ...क्योंकि निहारिका जी ऐसा चाहती थी ...मेंहदी वाली भी आ गई होती है ....तभी ऋषभ सीढ़ियों से नीचे उतरता है और पिलर के पीछे खड़े होकर .... पेपर से एक प्लेन बनता है और उसे मुस्कुराते हुए ....फेंखता है अवनी की तरफ ..पर वो मुड़कर श्वेता जी को लग जाता है तो वो कहती है ,
श्वेता जी -( हैरानी से प्लेन दिखाते हुए ) ये किसने फेंका ....
निहारिका जी - ( हंसते हुए ) ये पक्का आपके दामाद का काम होगा ....
श्वेता जी - दामाद जी भी ना बच्चो जैसी हरकते करते है ..😁...
( सब लोग फिर हंसने लगते है .....तभी दोबारा से एक प्लेन आता है पर इस बार वो नैंसी को लगता है तो वो कहती है )
नैंसी -( उठते हुए ) आप लोग बैठिए .....मै अभी जीजू को देखकर आती हु ...

( नैंसी उठकर चली जाती है तो अवनी कोन को पकड़े हुए ही इधर - उधर देखने लगती है ...तभी एक प्लेन आकर उसके कमर में लग जाता है ... वो आउच कहते हुए पिछे मुड़ती है ...देखने के लिए कि कौन है पर उसे कोई नजर नहीं आता है ..वो फिर से कोन बनाने में लग जाती है  .....तभी  ऋषभ भागकर घर से बाहर चला जाता है तो निहारिका जी  उसे देख लेती है और अवनी से कहती है )

निहारिका जी - ( मुस्कुराते हुए ) अवनी बेटा ...वो बाहर मैंने फूलो की टोकरी रखी है उसे ले आना ...
अवनी - ठीक है मां ....

( अवनी फिर घर से बाहर जाती है और टोकरी खोजने लगती है तभी कोई उसे कोई अपनी तरफ खींच लेता तो वो हड़बड़ा जाती है और देखती है कि वो कोई और नहीं बल्कि ऋषभ है ....ऋषभ फिर उसे अपनी बाहों में भरकर कहता है ..)
ऋषभ - आपको मै इतनी देर से बुला रहा पर आप तो सुन ही नहीं रही ...
अवनी -( सकपकाते हुए)आप क्यों छिछोरे वाली हरकते कर रहे है..... छोड़िए मुझे अगर किसी ने देख लिया तो ..
ऋषभ -( अपने और करीब करके ) तभी तो प्लेन से बुला रहा था ताकि सिर्फ आप आए ....
अवनी -( हंसते हुए ) ओह गॉड वो बच्चो जैसी हरकते आप कर रहे थे ... 
ऋषभ - वो मेरा तरीका है....अच्छा चलिए मेरे साथ ...

( ऋषभ ... अवनी का हाथ पकड़कर उसे गार्डन मे ले जाने लगता है तो अवनी कहती है )
अवनी - ऋषभ जी ...धीरे चलिए ...मेरा लहंगा भारी है ..

( ऋषभ फिर उसका हाथ के साथ साथ उसका लहंगा पकड़ लेता 


और धीरे धीरे गार्डन के दूसरे साइड पर जाने लगता है तो  वो कहती है )
अवनी - ये आप मुझे इधर क्यों लाये है ...
ऋषभ - ( रुककर ) आज जो मै कहने वाला हूं ...उसे प्लीज़ ध्यान से सुनिएगा ....सब कुछ सुनने के बाद आपको जो जवाब सही लगे वो दीजिएगा .....
अवनी - आप मेरा टेस्ट लेने वाले है 🙄.…....
ऋषभ - हां बस कुछ ऐसा ही समझ लीजिए .....अच्छा आप बस 5 मिनट रुकिए ..मै आता हूं ...
अवनी - पर कहा .....

(ऋषभ बिना जवाब दिए ही चला जाता है ....अवनी फिर उस गार्डन के कोन मे ही घूमने लगती है और बार बार राह देखती है कि ऋषभ आ रहा है या नहीं ....तभी उसके कंधे पर कोई हाथ रखता है तो वो मुस्कुराते हुए मुड़कर कहती है ,
अवनी - ऋषभ जी आप.........( हैरानी से ) डैड आप यहां?
अनंत जी - तुम क्या कर रही हो यहां इतनी शाम को .....
ऋषभ -( थोड़ा पीछे हट कर ) वो मै ...मै ऋषभ जी का इंतेज़ार कर रही ......

( पीछे जब दूर से ही अवनी के साथ .....अनंत जी को देखता है तो ..हाथ में लिया हुए गुलाबो का गुलदस्ता  वहीं रख कर अवनी के पास चला जाता है तो वो कहती है )
अवनी - ऋषभ जी ....अब जल्दी बताइए आप क्या कहने वाले है  ( टाइम देखकर ) मॉम खोज रही होंगी .......

( ऋषभ ..अनंत जी को वहां देखकर गुस्से में तो होता है पर अवनी को कहता है )
ऋषभ - आप बहुत अच्छी लग रही है ...
( इतना कहकर वो वहां से चला जाता है.....अनंत जी भी गार्डन के दूसरे साइड पर चलें जाते है तो अवनी कहती है )

अवनी - ये पागल है क्या ....मै अच्छी लग रही हूं .ये बताने के लिए मुझे यहां लाए ...वाह .....ऐसे चलता रहा तो मै पागल हो जाऊंगी ...

( अवनी फिर अपना लहंगा संभालते हुए घर के अंदर घुस जाती है .......सभी लेडीज लोग मेंहदी के लिए बैठ गई होती है ....तभी खुशी आती है 


अवनी ...जाकर उसे ले आती है और  अपने पास बिठाकर उसके कानो मे कहती है ...
अवनी - बड़ी जल्दी है तुझे ....मतलब थोड़ी देर बैठा भी नहीं गया कमरे में...
खुशी -( शर्माकर ) अरे .. मै तो उन्हे देखने आईं .....मतलब तुम सब लोगो को ...
अवनी - ( हंसते हुए ) चल झूठी .....

( खुशी भी हंसने लगती है ..तभी नैंसी और संजना भी आ  जाती है )
नैंसी 


संजना 



थोड़ी देर बाद आदि और रिया भी आ जाते मैचिंग आउटफिट में ,


अवनी उन्हे देखकर कहती है ....
अवनी - इनका सही है ज्यादा टेंशन नहीं होती होगी भाई को ....रिया खुद ही  मैचिंग ड्रेसेज लेकर आ जाती है ...
खुशी -( हंसते हुए ) मै आनंद जी को भी कहूंगी ...
अवनी - ( हंसते हुए ) हां फिर पूरे घर में बंदर और बंदरिया की जोड़ी को देखकर सब खुश हो जाएंगे .....
खुशी - ( 🙄) चलो हटो मेरे पास से .....तू मेरी दोस्त नहीं है ..
अवनी - सही कहा ... चुहिया ....
( तभी देव , नील और विहान भी एक साथ अंदर आ जाते है)


सपना जी उन्हे देखकर कहती है ...
सपना जी - हाए मेरे अनमोल रतन ....

( पीछे से फिर ऋषभ भी आ जाता है और अवनी के बगल मे बैठ जाता है ....तो खुशी उसे कहती है )
खुशी ,,-( खुशी को धक्का देकर ) जा ...अब तो जीजू आ गए है ...मजे कर ..
अवनी - ओय चुप,( शर्माते हुए)....
( पर ऋषभ ...खुशी की बात सुन लेता है और मेंहदी की प्लेट से एक कोन लेकर अवनी का हाथ पकड़ लेता है और मेंहदी लगाने लगता है तो वो कहती है )
अवनी - ये ...ये क्या कर रहे हैं आप....
खुशी - देख नहीं रही ..मेरे जीजू मेंहदी लगा रहे है ... वाउ सो रोमांटिक ....
अवनी - चल हट पागल इसमें रोमांटिक क्या है ....
खुशी - खुद ही देख ले....
( अवनी देखती है कि ऋषभ उसके पूरे हाथ पर दिल बना रहा है और उसमे अपना और अवनी का नाम लिख रहा है ...वो उसे देखने लगती है ....तभी सब लोग गाना गाने लगते है ,

महंदी लगाके रखना, डोली सजाके रखना
    महंदी लगाके रखना, डोली सजाके रखना
    लेने तुझे ओ गोरी, आएंगे तेरे सजना...........
    

तभी आनंद एंट्री मारता है अगर कहता है ,
आनंद - खुशी जी सजना आयेंगे नहीं .....आ चुके है ....


वो फिर भागकर खुशी के पास बैठ जाता है और कहता है चलिए अब मेंहदी लगवा लेते है वरना खाना खत्म हो जाएगा ......
खुशी - आपको तो सिर्फ खाने के लगी होती है ...
आनंद - आपकी भी है ( प्यार से)....

( मेंहदी वाली फिर खुशी के हाथ में मेंहदी लगाने लगती है ...सब अपना अपना लगवा रही होती है ....पर ऋषभ ..तो अवनी का हाथ ही नही छोड़ता है....उसके दोनो हाथो को उसने दिल से भर दिया होता है ........रिया ..आदि की तरफ देखते हुए ही मेंहदी लगवा रही होती है ...संजना ...अपना नाम लिखवाती है ....देव भी छोटा सा डिजाइन बनवाता है ...नील को आनंद ज़बरदस्ती पकड़वा कर मेंहदी लगवाता है .....नैंसी अपने हाथ पर Ñ लिखवाती है ....विहान ..मुस्कुराते हुए एक दिल बनवाता है और उसपर अपना और टविंकी का नाम लिखवाता है ......आनंद  पूरे हाथ में चुड़ैल ,रोशनी , चुहिया ,खुशी लिखवाता है ..जिसकी वजह से मेंहदी वाली भी हंसने लगती है ......ऋषभ अपने हाथ पर बस एक छोटा सा दिल बना लेता है सबसे छुपाकर .......थोड़ी देर तक मेंहदी ऐसे ही चलती रहती है ....सबका लगने के बाद निहारिका जी कहती है ,
निहारिका जी - चलो हो गई सबकी मेंहदी ....( बॉयज़ से ) अब सब बाहर निकलो....

( सारे ब्वॉयज़ बिना कोई सवाल किए वहां से निकल जाते हैं तो सपना जी कहती है )
सपना जी - वाह लगता है सुबह जो सुनाया था उसका असर है इनपर ........

( सारे ब्वॉयज़ वहां से चले जाते हैं तो लेडीज सभी इकठ्ठा हो जाती है और अपना गीत गाने लगती है ....तभी पूरे हॉल में अंधेरा हो जाता है ...निहारिका जी कहती है )
निहारिका जी - कोई हिलना मत ...मै देखती हु ..

( अभी वो उठने ही वाली होती है कि लाइट ऑन ही जाती है और सामने 4 औरते खड़ी है साड़ी मे वो भी घुंगट डाले हुए ....तभी वो चारो अपना पायल छनकाती है और नाचते हुए गाती है ,


मैंने पायल है छनकाई
अब तो आजा तू हरजाई
मेरी सांसो में तू है बसा
ओ सजना, आजा ना अब तरसा
ओ सजना, आजा ना अब तरसा

चले जब ये पुरवाई
बजे दिल में शहनाई
तू ही मेरे सपनों का, ओ सजना
चले जब ये पुरवाई
बजे दिल मैं शेहनाई
तू ही मेरे सपनों का, ओ सजना


सब लोग खुश होकर डांस एन्जॉय करती है तभी एक का घूंघट गिर जाता है तो सपना जी कहती है ,
सपना जी - ( हैरान से ) आकाश जी आप ...

( आकाश जी सपना चेहरा छुपाए वहां से भाग जाते है .....उनके जाने के बाद निहारिका जी सबका घूंघट उठाती है तो हंसते हंसते वहीं बैठ जाती है
.....3 लोग इतने शर्मा जाते है की गिरते पड़ते हुए वहां से भाग जाते है .....पीछे खड़ा आनंद कहता है ,)
आनंद - ( सर पर हाथ रखकर ) पोपट करा दिया पापा लोगो ने.....
देव - चलो अब हम धमाल मचाते है .....
( आनंद और देव भागकर सभी लेडीज के सामने खड़े हो जाते हैं और इससे पहले कोई कुछ कहता आनंद गाना ...गाना शुरू कर देता है और साथ में डांस भी )

आनंद - अरे भंग का रंग जमा हो चकाचक
फिर लो पान चबाय
अरे ऐसा झटका लगे जिया पे
पुनर जनम होइ जाय

( सभी लोग इस गाने को सुनकर खुश हो जाती है 
और मुस्कुराने लगती है )

देव - ( पान खाकर) ओ खाइके पान बनारस वाला
खुल जाए बंद अकल का ताला
फिर तो ऐसा करे धमाल
सीधी कर दे सबकी चाल
ओ छोरा गंगा किनारे वाला
खाइके पान बनारस...

( विहान .... टविंकि की फोटो देखकर )

विहान - अरे राम दुहाई, कैसे चक्कर में पड़ गया हाय हाय हाय
कहाँ जान फ़ँसाई, मैं तो सूली पे चढ़ गया हाय हाय
कैसा सीधा सादा, मैं कैसा भोला भाला, हाँ हाँ!
अरे कैसा सीधा सादा मैं कैसा भोला भाला
जाने कौन घड़ी में पड़ गया पढ़े-लिखों से पाला
मीठी छूरी से, मीठी छूरी से हुआ हलाल
छोरा गंगा किनारे वाला...

( देव .. संजाना कि तरफ देखकर )

देव - एक कन्या कुँवारी हमरी सूरत पे मर गई, हाय हाय हाय
एक मीठी कटारी, हमरे दिल में उतर गई हाय हाय
कैसी गोरी गोरी ओ तीखी तीखी छोरी, वाह वाह!
अरे कैसी गोरी गोरी ओ तीखी तीखी छोरी
करके जोरा-जोरी, कर गई हमरे दिल की चोरी
मिली छोरी तो, मिली छोरी तो हुआ निहाल
छोरा गंगा किनारे वाला...

संजना अपनी जगह पर बैठे हुए ही देव को घूरने लगती है तभी आदि ...रिया को देखते हुए गाना गाता है ,
आदि - 
हम तेरे बिन अब रह नहीं सकते 
तेरे बिन क्या वजूद मेरा
तुझसे जुदा गर हो जाएंगे तो
ख़ुद से ही हो जाएंगे जुदा

( रिया अपनी जगह से उठकर ...आदि को देखते हुए )

रिया - क्यूंकि तुम ही हो अब तुम ही हो
ज़िन्दगी अब तुम ही हो चैन भी, 
मेरा दर्द भी मेरी आशिक़ी अब तुम ही हो 


खुशी - हाऊ रोमांटिक यार 😘....

(तभी सब ऋषभ को कहते है गाने के लिए पर वो सख्ती से मना कर देता है तो सब एक बार फिर से आस वाली नजर से उसे देखने लगते है तो वो गाता है )

ऋषभ -  तेरा दिल भी जाना बेक़रार हो जाए
रब करे तुझको भी प्यार हो जाए

अवनी - 
  जानती हूँ, है शरारत, ये जो तेरा प्यार है 
क्या करूं मैं क्या करूं मैं 
दिल को तो इनकार है 


ऋषभ 
- मैं दीवाना कम नहीं हूँ, 
हारकर न जाऊंगा 
दिल चुराने आ गया हूँ 
दिल चुरा ले जाऊंगा

आनंद -( खुशी के पास बैठकर ) 
तू.. मेरी ज़िन्दगी है
तू.. मेरी हर ख़ुशी है तू ही प्यार, 
तू ही चाहत तू ही आशिकी है
तू.. मेरी ज़िन्दगी है तू.. मेरी हर ख़ुशी है 
पहली मोहब्बत का एहसास है 
तू पहली मोहब्बत का एहसास है 
तू बुझके जो बुझ ना पाई 
वो प्यास है तू 
तू ही मेरी पहली ख्वाहिश 
तू ही आखिरी है 



इस बात पर खुशी बिना शर्माए हुए ही आनंद को किस कर देती है .....तो सब लोग हंसते हुए तालियां बजाते है पर नील जो नैंसी के बगल मे खड़ा होता है उसकी आंखे ढक देता है ...वो हाथ हटाते हुए कहती है ,
नैंसी - ये क्या कर रहे हैं आप....मिस्टर एहसान फरामोश 

नील -  ( शान्ति से )
मुझको क्या हुआ है,
क्यों मैं खो गया हूँ 
पागल था ....

( इतना गाकर वो चुप हो जाता है तो देव हंसते हुए कहता है अब हो गया हूं मै पागल आपको गाना गाते देखकर ....

नैंसी - बहकी है निगाहें, 
और बिखरे हैं बाल 
तुमने बनाया है 
क्या अपना ये हाल


देव - 
कोई मिल गया 
भाई का  दिल गया 
भाई  दिल गया
क्या बताऊं यारों 
भाई  तो हिल गया कोई मिल गया..

विहान - 
खैरियत पूछो कभी तो कैफियत पूछो
तुम्हारे बिन दीवाने का क्या हाल है 
दिल मेरा देखो ना मेरी हैसियत पूछो 
तेरे बिन एक दिन जैसे सौ साल है


संजना कोई  गाना नहीं गाती है वो भागकर  ऊपर कॉरिडोर मे चली जाती है और वहां से टविंकि को पूरा संगीत फंक्शन दिखा रही होती ........


तभी अनंत जी गाते है 

- अनंत जी 
जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी अभी यहीं था किधर गया जी

- निहारिका जी 
किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी-बड़ी अँखियों से डर गया जी

- आकाश जी 

कहीं मारे डर के चूहा तो नहीं हो गया
कोने-कोने देखा न जाने कहाँ खो गया

- सपना जी 
यहाँ उसे लाए काहे को बिना काम रे
जल्दी जल्दी ढूँढो के होने लगी शाम रे
जाने कहाँ मेरा जिगर...

श्रवण जी 
सच्ची-सच्ची कह दो दिखाओ नहीं चाल रे
तूने तो नहीं हैं चुराया मेरा माल रे

श्वेताजी 

बातें हैं नज़र की नज़र से समझाऊंगी
पहले पड़ो पईयाँ तो फिर बतलाऊंगी
जाने कहाँ मेरा जिगर...

सारे ब्वॉयज़ गर्ल्स हूटिंग करने लगते है ..इस तरह पापा लोगो के गाने के साथ संगीत का फंक्शन ख़तम हो जाता है .......सभी लोग फिर खाने के लिए जाते है सिवाय अवनी के क्योंकि वो जाकर पहले ही सो जाती है .....खाने के टाइम पर आनंद ...खुशी से पूछता है कि आप रूम में कैसे आईं थी 
खुशी - ( मुसकुराते हुए ) खिड़की से 😍

ऋषभ फिर अपने कमरे में जाता है अवनी को बुलाने खाने ले लिए पर वी पहले से ही सो रही होती है तो वो कहता है ,
ऋषभ - आजकल ये इतनी जल्दी क्यों सो जाती है ....
( फिर वो भी बिना खाए ही जाकर सो जाता है .... आधी रात में ऋषभ को अपने फेस पर कुछ गीला गीला महसूस होता  है तो वो हड़बड़ा कर उठ जाता है और .....मुंह लटकाए ड्रेसिंग टेबल के पास बैठ जाता है ......


××××××××××××××××××××××××××××××××××××

उम्मीद है कहानी के कैरेक्टर्स से कोई समस्या नही होगी आपको क्योंकि हमारी कहानी में है और आगे भी कुछ और लोग जुड़ते रहेंगे जो कहानी की मांग पर है तो आपको सब पसंद आयेंगे हमारे हिसाब से बाकी जिन्हे इतने सारे पात्रों को पढ़ने की आदत नही वो छोड़ सकते है क्योंकी कोई हमारे पात्रों को बुरा बोले हम ये सहन नहीं कर पायेंगे क्योंकि लिखते लिखते ये हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुके है 🤗💞

बाकी शुक्रिया कमेंट्स करने के लिए।

   17
8 Comments

Archita vndna

24-Apr-2022 09:24 PM

Ok ok🙏🤐🤐

Reply

Art&culture

18-Apr-2022 09:41 PM

Very nicely written

Reply

Gunjan Kamal

31-Mar-2022 09:15 AM

बिल्कुल सही कहा आपने मैम

Reply